हम एक आधुनिक युग में रहते हैं, दहेज भारतीय समाज का एक एसा तत्व है जिसे हम आजतक अलग नही कर पाए हैं । बार-बार, हम उन मामलों के बारे मे सुनते हैं जिनमें लड़कियों को पति या ससुराल द्वारा दहेज के लिए परेशान किया जाता है। मंजूला देवक आईआईटी की छात्रा थी जिसने अपने ससुराल वालों के द्वारा दहेज़ के लिए किये गए अत्याचारों से परेशान होकर आत्महत्या कर ली । क्योंकि मंजूला अब अत्याचार बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी, इसलिए उसने मंगलवार को 7.45 पर नालंदा अपार्टमेंट (आईआईटी दिल्ली परिसर) में एक पंखे से खुद को लटका कर खतम कर लिया । मंजूला के पिता ने यह स्पष्ट किया है कि इसी अत्याचार के कारण ही उसने अपना जीवन समाप्त कर दिया ।
मंजूला और रितेश वीर्ह ने 2013 में 4 साल पहले शादी की थी, और दोनों भोपाल से आईआईटी दिल्ली आ गए, क्योंकि मंजूला जल संसाधनों में पीएचडी करना चाहती थी। आईआईटी में शामिल होने से पहले मंजूला अमेरिका में काम कर रही थी। जब मंजूला ने आत्महत्या की, तब रितेश इंदौर में था। पड़ोसियों ने सोमवार की रात को मंजूला को देखा था, मंगलवार की शाम को मंजूला के दोस्तों ने उसे बहुत बार फोन किया, लेकिन उसने किसी भी कॉल का जवाब नहीं दिया। जब वे उसे उसके कमरे में देखने गए, तो कमरा अंदर से बंद था । उसके दोस्तों ने यह सब पुलिस अधिकारियों को बताया, और पुलिस ने आकर दरवाजे को तोड़ दिया। मंजूला को पास के अस्पताल ले जाया गया, वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
उसके पिता ने यह भी कहा कि उसके ससुराल वालों ने 20 लाख रु की मांग की थी क्योंकि रितेश ने अपनी नौकरी छोड़ दी और वह अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए पैसा मांग रहा था। 2015 में भी, जब रितेश और मंजूला दिल्ली आए थे, तब भी उसने अपनी कलाई को काट कर अपना जीवन खत्म करने की कोशिश की। उसकी Whatsapp पर उसकी बहन से हुई बातों से पता चलता है की वो रितेश से तलाक लेना चाहती थी । पर उसके ससुर उसे बार-बार भोपाल बुला रहे थे और घर सम्भालने की बात कर रहे थे, यह भी कहा की घर सम्भालने के लिए अगर तुम 2 बार मार भी खा लोगी तो क्या गलत है । मंजूला के पिता, जो पूरी तरह से अपनी बेटी की मौत के बारे में सुनकर अशांत हैं, उन्होंने कहा:
“मेरी बेटी को शिक्षित करना और उसे आईआईटी भेजना एक गलती थी। मुझे सारा पैसा दहेज के लिए बचाना चाहिए था। “
अगर इसी तरह लड़कियाँ दहेज के कारण मरती रही तो देश का विकास कभी नहीं हो पायेगा । लोग अपनी बेटियों को पढ़ाने की बजाये पैसा इकठा करते रहेंगे और लालची लोगों के घर भरते रहेंगे। दहेज एक एसी प्रथा जिसमें लड़की वाले लड़की को बेच देते हैं और लड़के वाले खरीद लेते हैं । यह खरीदने और बेचने का व्यापार बंद कर देना चाहिए और अगर कोई एसा करे तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए । मंजूला और बाकि सभी लड़कियाँ जो दहेज का शिकार हुई हैं उसमें उनका कोई कसूर नहीं है, हमें दहेज जैसी कुप्रथा को बढ़ावा नहीं देना चाहिए ।
पुलिस मामले की जांच कर रही है पर आत्महत्या का कोई नोट नहीं मिला है । एक पुलिस अधिकारी ने जांच में कहा, “हम कॉल डेटा रिकॉर्ड की जांच करेंगे और एसडीएम को सूचित करेंगे। एसडीएम ने उसके परिवार के सदस्यों को जांच में शामिल होने के लिए कह दिया है”।
जो लोग दहेज के लिए लड़कियों पर अत्याचार करते हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। मंजुला एक बुद्धिमान छात्रा थी जीवन में उसके उच्च लक्ष्य थे। अकादमिक रूप से उज्जवल होने के बावजूद, उसे दहेज की मार को सहन करना पड़ा। उसे उसकी जिंदगी को त्यागने के बजाय, उसे इस बुराई से लड़ना चाहिए था । उसके पति और ससुराल वालों को एक अच्छा सबक सिखाया जाना चाहिए, वे इस तरह की एक स्मार्ट लड़की के जीवन को बर्बाद करने के लिए सबसे खराब दंड के लायक हैं।