आज से कुछ दिन पहले मेरी किसी से बातचीत चल रही थी! उस व्यक्ति ने एक महिला को फेसबुक और ट्विटर पर बहुत सारी गालिया सुनाई थी! क्योंकि उनका कोई काम नहीं हो पा रहा था! और इनका गुस्सा इतना बढ़ गया था की इन्होने गाली गलौच करना शुरू कर दिया था! और उस महिला से इस महाशय का परिचय मैंने कराया था तो इन महाशय ने मुझे फ़ोन करके बताया की वो काम नहीं कर रही है!


मुझे इस बात के बारे में बताया गया था और जब ये व्यक्ति मुझसे बात कर रहे थे तो एक बड़े पद पर होने के नाते पहले तो मैं थोड़ा नाप तोल कर उन सब बातो के बारे में इनसे बात करता रहा था लेकिन काफी देर उस मुद्दे पर बात करने के बाद लिहाज को परे रखके मैंने साफ़ साफ़ उनको बोलना शुरू कर दिया की एक महिला से इस तरीके से गाली गलौच करते हुए बात करना आपको क्या किसी को भी ऐसे शोभा नहीं देता! आपका ऐसा व्यवहार उस महिला के प्रति पूरी तरह से गलत था! और ना सिर्फ महिला आपको पुरुष बुजुर्ग या किसी भी सामाजिक लिंग के साथ आपको इस प्रकार से बात नही करनी चाहिए! इनको इतना सब बोलते हुए मैंने ये बिल्कुल भी नहीं सोचा की हमारे बीच रिश्ता आगे रहेगा की नहीं! उस दिन ये महाशय एकदम शान्ति प्रिय तरीके से मेरी बात सुनते रहे और इन्होने कुछ नहीं बोला! लेकिन कुछ समय के बाद इनके तरफ से एक मैसेज मुझे आया जिसमे इन्होने लिखा की उस दिन जब आप मुझे इतना कुछ समझा रहे थे उस समय मुझे बहुत बुरा लग रहा था! लेकिन आपकी उस दिन की समझायी हुई बात मेरे अंदर ऐसी खनकी की उसने मेरा सोचने का नजरिया ही बदल दिया! तो ये महाशय जिनका सोचने का नजरिया एकदम पितृसत्ता में डूबा था वो पूरी तरह से बदल गया! अब वो महाशय एक किताब लिख रहे है जिसमे वो बता रहे है की किस प्रकार की उनकी सोच थी और किस प्रकार से उनकी सोच बदली! तो इस ब्लॉग को लिखने की एक ही वजह थी की अब समय आ चूका है की हम लोग खुल कर इसके बारे में बोले की औरतो के प्रति गाली गलौच करना कितना गलत होता है! मैं मानता हूँ की हमे बहुत बार गुस्सा आ जाता है लेकिन इस चीज़ का ध्यान रखें भी बहुत जरुरी है की हम उस गुस्से को किस तरीके से बहार निकाले! सोशल मीडिया पर अदब और इज्जत एक बहुत जरुरी चीज़ है! इसलिए हम जो भी बोले सोच समझ के बोले!