stalking girl

साइबर स्पेस में तुम और हम

मैं चार्ल्स बाबेज से आगे निकल आयी हूँ! आजकल हर मिनट पर एक नया एप्प बन गया है! लेकिन औरत को आज भी उसी महिनेवारी से गुज़ारना पड़ता है और समाज में उस तरह ही हर पहलू का सामना करना पड़ता है जो हमारी माँ ने दादी ने किया होगा साथ ही ये मान लेना अनिवार्य है की इस पुरुष प्रधान समाज में नारी ने अपनी जगह तो बना ली है लेकिन आज भी बलात्कार जैसे दुष्कर्म बहुत आसानी से किये जा सकते हैं! वहां फिर कोई कंप्यूटर काम नहीं आता न ही टेक्नोलॉजी! क्योंकि वहां सिर्फ पुरुष अपना पौरुष दिखाता है और फिर एक कहानी बन कर रह जाती है एक औरत! हमें समझना ये होगा की आखिर में हम आज कहाँ हैं किस तरह से सुरक्षित रह सकते हैं और चाहे कितने भी नए तरीके या फोर्मुले इजाद क्यों न कर लें क्या कोई एक भी दिन ऐसा होगा की हम ये पढ़ें किसी रोज़ किसी अख़बार में की आज कहीं कोई बलात्कार नहीं हुआ है! असंभव सा लगता है! कहीं कोई नाबालिग लड़की या मासूम बच्ची सेक्सुअल एब्यूज की शिकार नहीं हुई है!

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चलिए बात करते हैं एक नए तरीके की एब्यूज की – ऑनलाइन एब्यूज की! जो बलात्कार या सेक्सुअल हरासमेंट के केसेस पहले होते थे वो व्यवस्थित तौर से किये जाते रहे होंगे जहाँ एक तरीके से व्यक्ति विशेष अपने शिकार की पहचान कर के रखता है और ये की वह लड़की रोज़ ऑफिस आते जाते उस सेक्सुअल हर्रसेर को बखूभी पहचानती भी है! लेकिन जब बात ऑनलाइन एब्यूज की आती है या फिर मित्रता की तो यहाँ पर लड़की की उम्र बेशक २७ या १४ साल रहती होगी लेकिन दूसरी और बैठने वाले व्यक्ति की आइडेंटिटी का पता लगा पाना मुश्किल ही नहीं वरना मुश्किल हो जाता है! समझना ये होगा की रिया के केस में वो किस शख्स से दोस्ती कर रही है और उस व्यक्ति विशेष का मकसद क्या है ये जान लेना उसके लिए मुश्किल रहा होगा! क्योंकि एक स्टोकर के लिए बड़ा आसन होता है एक भीड़ में गुम हो जाना! जो लड़कियां पहले ऑटो या रिक्शा में बैठा कर घुमा कर दिखाई जाती रही थी हर उस व्यक्ति को जो उसकी कीमत लगा उसको कुछ घंटों अपने पास रखता था आज वो लड़की की खरीद फरोख्त इन्टरनेट के ज़रिये तसवीरें दिखा कर हो जाती है! अनुमान है की हर घंटे में तकरीबन १०० से ज्यादा लड़कियों की खरीद फरोख्त हमारे देश में हो जाती है चाहे वो फिर किसी भी तबके की हो!

कई वेबसाइट पर गर्ल्स ट्रैफिकिंग होती है! एक बड़ा नेक्सस चलता है! कई दलाल वहां रोज़मर्रा कई लड़कियों की तस्वीरों के साथ अपना नंबर भी टंकित करते हैं! आखिर ये कारोबार में लड़कियां जो रहती है उनको कहाँ से लाया जाता है और हर एक घंटे की रकम एक दलाल जो लाखों हजारों में कमाता है वो फिर अंतत क्या उनको उसमे से जीने के लिए कुछ पैसा मुहैया करवाता है या फिर जब वह किसी यौन सक्रमण से पीड़ित हो जाती हैं तो उन्हें वह उन्ही गाय भेंसो की तरह वीभत्स रूप में कहीं कटवा देता है! ये सत्य है और सत्य शाश्वत भी है और कड़वा भी! फिर इस अखाड़े में बहुत से नामी, गरामी, छदामी सभी प्रकार के लोग होते हैं! हिंदुस्तान में अभी समय लगेगा! खून जिनके मुह लगा हुआ है उनके मुहँ से बोटियाँ अगर छीन गयीं तो उनकी रोज़ी रोटी ख़तम हो जाएगी! बहुत ही नामचीन एक व्यक्तित्व ने मुझे जब बताया की आजकल बॉलीवुड में उनका पर्सनल मेनेजर लड़कियां बेचने का धंधा करता है क्योंकि उसके पास अब काम नहीं है तो मुझे ताज्जुब नहीं हुआ! क्योंकि लक्ज़री की आदतें नामाकूल को भी राजा बना देती हैं! रास्ते आसान हैं! औरत बिकती आयी थी बिकती आयी है में ये नहीं कह सकती की अब नहीं बिकेगी ये कहना ज़रा नामुमकिन है! बिकती रहेगी जब तक हम औरतें जागरूक नहीं होंगी एक दुसरे की मदद नहीं करेंगे और बढ़ना होगा बेल बजाओ से लेकर बेटी बचाओ बेटी पढाओ तक पहुचे हैं!

अब आवाज़ उठानी होगी आई पी एड्रेस के ज़रिये से धर पकड़ सख्ती से होनी चाहिए सोशल मीडिया मे! वो जो ५० साल के हैं और २५ की उम्र के मानसिक रोगी हैं साय्कोपथ हैं उनसे बचना होगा! उनका शिकार होने से बचना होगा! सेल्फ डिफेन्स आना अब ज़रूरी है! चलना होगा मीलो तक गावों और कस्बों में से लड़कियां इन्टरनेट पर बेचीं जा रही हैं! उजैन से तो कहीं भोपाल से सब दूर से एक्टिंग और अच्छी जगह नौकरी दिलाने के झांसे में लड़कियां फफस्सयी जाती है! गाजर मूली की तरह काटी जाती है या गुमशुदा हो जाती हैं माता पिता रोते हैं! चलिए एक मुहीम चालते हैं! पुराणी रवायतें बदलते हैं! और नयी बनाते है! मासूम बच्चियों का शोषण होने से रोकते हैं! खुद को माँ भारती को समर्पित कर एक नया सवेरा पैदा करते हैं!

सभी महिलाओं के लिए जल्दी ही हाल्टिंग ऑनलाइन एब्यूज एक ऐसा एप्लीकेशन तैयार कर रहा है की जहाँ भी शक हो की आप किसी ऑनलाइन एब्यूजर के चक्कर में आ चुकी हैं तो हमारे एप्प पर डिटेल भेजिए, हाल्टिंग ऑनलाइन एब्यूज सारी डिटेल साइबर क्राइम अधिकारीयों तक त्वरित पहुचायेगा और इसी के ज़रिये आप तक अधिकारी पहुचेंगे और आपको राहत होगी ऐसे स्टोकर से जो आपका पीछा कर रहा था!

कुछ एक नियम याद रखें ऑनलाइन विक्टिम नहीं बने:

  • आप अपने पासवर्ड अल्फनुमेरिक रखिये
  • २ स्टेप वेरिफिकेशन हमेशा कीजिये क्योंकि जब भी आपके मेल को कोई चेक करेगा तो तुरंत ही आपको एक ईमेल अथवा कोडेड मेसेज फ़ोन पर आ जायेगा
  • कोशिश कीजिये अपने कंप्यूटर को सोने से पहले बंद करके सोने की इससे बिजली भी बचती है और साथ ही ये की कोई ट्रोजन वायरस के ज़रिये आपके ऊपर नज़र नहीं रख सकता
  • पासवर्ड कहीं लिख कर मत रखिये कौन जाने आपका पडोसी ही आपके ईमेल हैक करता हो
  • जब भी कोई एब्यूज होता है तो तुरंत चर्चा कीजिये! प्ले सेफ!

Ms. Dipti Sutariya advocates for internet safety and manages her portal named ‘Halting Online Abuse’

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